जिसकी प्रसाशन द्वारा पूर्व अनुमति ली गयी थी एवं प्रसाशन ने गंगा जमुनी तहजीब के तहत पुलिस सुरक्षा भी उपलब्ध करवाई थी।
जब शोभायात्रा एक बेहद शांतिपूर्ण इलाके से गुजरी तो वहां पर भयंकर पथराव हुआ ,पचासों मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया गया और 100 से अधिक सनातनी एवं पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए।
पूरी तरह सुनियोजित शाजिश कर उसको बेहद भयंकर रूप से अंजाम दिया गया और यहां पर गौर करने वाली बात ये है कि शांतिदूत बाहुल्य इलाके में जो हिन्दुओ की कुछ दुकानें एवं घर थे उन सभी को चुन चुन कर आग के हवाले किया गया…
एक एक दुकान मकान जो पहले से ही चिन्हित थे उन सभी को आग के हवाले किया गया।
अब सोचिये की इन्हें KashmirFiles फ़िल्म से इतनी दिक्कत क्यों है…
ये नही चाहते कि पूरा देश इनके भाई चारे को पहचाने और इनकी असली मानसिकता को समझें।
लेकिन हम सब जातिपाति में बटे हैं, कुछ को केवल पेट्रोल और डीजल पीना है, कुछ बेरोजगारी में कब्र में पैर लटकाए बैठें हैं, कुछ को महंगाई डायन खाये जा रही है…और उसी क्रम में वोट कर आते है और नतीजे में ये प्रसाद मिलता है कि वर्षो की मेहनत से बनाया गया घर मकान दुकान बस मिनटों में स्वाहा। करो जतिवाद, करो महंगाई पर बात।
हर एक शहर में एक कश्मीर है….बस फ़ाइल कब बन जाये वो इसी के इंतजार में है… वो कभी महंगाई,डीजल पेट्रोल और बेरोजगारी पर वोट नही करते ताकि देश के हर एक जनपद को कश्मीर अभी भी वक़्त है,आंखे खोल लीजिए। नही तो अगले शिकार हम और आप पक्का होने वाले हैं।