* स्व:ललित भाटी की अंतरात्मा हुई नीलाम!*
* नपुंसक जन प्रतिनिधियों की आंखों के सामने बिक गई “मॉडल स्कूल” की इमारत!
* थूक रही है इलायची बाई इन नकारा नेताओं के चेहरे पर!
*✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
*अजमेर के जनप्रतिनिधियों पर शिक्षा मंदिर थूक रहे हैं। बात बात में ख़बरों का हिस्सा बनने वाले राजनेताओं को किसी नपुंसक सांप ने सूंघ लिया है। शिक्षा के मंदिर नीलाम हो रहे हैं। एक के बाद एक स्कूल भवन साज़िश के तहत ख़ाली करवाए जा रहे हैं। बेचे जा रहे हैं। मगर कहीं से विरोध का कोई स्वर नहीं सुनाई दे रहा। पृथ्वीराज सम्राट के इस शहर को देखकर इलायची बाई की गद्दी हंस रही है।*
*अख़बार की यह ख़बर कि लड़कियों की शिक्षा का मुख्य केंद्र “मॉडल स्कूल” सरकारी स्तर पर करोड़ों में नीलाम हो गया है, सवाल उठा रही है कि 400 लड़कियां अब कहां पढ़ने जाएंगी❓️
*ब्रह्मपुरी,हाथी बाटा, सुंदर विलास, नया बाजार, गंज, काला बाग,नगीना बाग सहित आसपास के क्षेत्रों का इकलौता स्कूल भवन था यह “मॉडल स्कूल”।*
*जहां तक मुझे याद है पूर्व विधायक स्वर्गीय ललित भाटी के भागीरथी प्रयासों के बाद बहुत बड़ी ज़द्दोज़हद के तहत वर्ष 2002-03 में राज्य सरकार ने इसे मकान मालिक से 78लाख 51 हज़ार 63 रुपए में डंके की चोट अवाप्त किया था। तब भी स्कूल के मालिक इसे ख़ाली करवाना चाहते थे ,मगर ललित भाटी ने जन आंदोलन छेड़ कर इसे ख़ाली नहीं होने दिया।ऐसा नहीं कि श्री भाटी को चुप रहने के लिए बड़ी राशि का प्रलोभन नहीं दिया गया था,मगर उन्होंने सच्चे जन प्रतिनिधि की भूमिका अदा की।
*यह जब की बात है तब भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हुआ करते थे और शिक्षा मंत्री भी बी डी कल्ला ही थे ! आज फिर मुख्यमंत्री गहलोत और शिक्षा मंत्री कल्ला ही हैं मगर विधायक स्वर्गीय ललित भाटी नहीं हैं । जिन्होंने अजमेर की इज़्ज़त बचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी थी और मालिकों से स्कूल बिल्डिंग हथिया कर ही दम लिया था।
*दूसरी ओर स्कूल भवन के मालिक कोर्ट में चले गए। सरकार सोती रही ।विधायक भाटी का निधन हो गया। वर्तमान विधायक व पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल अन्य मुद्दों पर तो बयान वीरता दिखाते रहे मगर बालिका शिक्षा के इस केंद्र को लेकर उनकी नींद नहीं टूटी। सरकार जागी हुई होती।विधायक धृतराष्ट्र नहीं हुए होते तो स्कूल भवन का द्रोपदी की तरह चीर हरण नहीं हुआ होता। स्कूल नीलाम हो गया ।शिक्षा विभाग व सरकार की नींद नहीं टूटी ।
*इस दौरान राज्य की विधानसभा चल रही थी और छोटे-छोटे मुद्दे उठाए जा रहे थे ।हंगामें हो रहे थे।मगर नकारा जनप्रतिनिधियों की आंखों के सामने विगत 31 मार्च को शाला भवन 5 करोड़ में सुधीर मेहता ने खरीद लिया ।
*पूर्व विधायक स्वर्गीय ललित भाटी की आत्मा भी इस भवन के साथ फिर से नीलाम हो गई ।
*यह विद्यालय भवन शहर के बीचों बीच बना हुआ है। आज़ादी के बाद इस स्कूल का लंबा और सुनहरा इतिहास रहा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता डॉक्टर श्री गोपाल बाहेती के निवास से बहुत ही क़रीब यह स्कूल भवन बना हुआ है ।अजमेर उत्तर में कांग्रेस के प्रत्याशी कहला कर ख़ुश होने वाले महेंद्र सिंह रलावता के ऑफिस से भी यह भवन वाकिंग डिस्टेंस पर है। हाथी भाटा के पार्षद चौरसिया के कार्यालय से यह शाला भवन चंद कदम दूर है ।*
*विधायक और पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के विधानसभा क्षेत्र में आने वाले इस स्कूल भवन का चीर हरण होता रहा और नेताजी ऊँघते रहे । विद्यालय भवन निरीह अवस्था मे नीलाम होता रहा।
*कुछ अन्य विद्यालय भवन जिनमें सरकारी स्कूल चला करती थीं ! जो अब सरकार के पास नहीं रहे और उनके भवन मालिकों को सरकार ने लौटा दिया है या यूं कहूं कि छीन लिया गया है!ज़रा उन पर भी गौर कर लीजिए!
*सिंधी देहली गेट स्कूल, चंदन निवास स्कूल, खादिम मोहल्ला स्कूल,सिंधी गांधी भवन स्कूल,काला बाग स्कूल,गुलाब बाग स्कूल,शिव कुंड स्कूल ,हिन्दू मोची मोहल्ला स्कूल,शोरग्रान मोहल्ला स्कूल, मोतिकटला स्कूल,नागफणी स्कूल।
*यह लिस्ट और भी लंबी है जिसको ना लिखें तो ही अच्छा है वरना लोगों को हार्ट अटैक आ सकता है।
*अजमेर में यूँ तो कहने को बड़े-बड़े उद्योगपति ! धन्ना सेठ ! समाज सेवक! दानवीर! मौजूद हैं ,जो गाहे-बगाहे अपनी दानवीरता का प्रदर्शन करते रहते हैं! गंगवाल जैसे छपास पीड़ित नेताओं की तो पूरी फ़ौज़ अधिकारियों के आगे पीछे दुम हिलाती फिरती है।और तो और भवन अधिग्रहण करने वाली राज्य सरकार भी इस मामले में फेल हो गई ।
*क्या दानवीर लोग आगे आकर इस विद्यालय भवन को शिक्षा विभाग को दान नहीं कर सकते ❓️*
*समाज के वह लोग जो अपने समाज के महानुभावों के नाम पर विद्यालय भवन कराना चाहते हैं, वह इस विद्यालय भवन को नीलाम होने से बचा कर अपने समाज के नाम पर करवा सकते थे।
*काश! ऐसा हो पाता तो भी यह नीलामी एक उदाहरण प्रस्तुत करती! मगर….
*अजमेर के क्रांतिकारी !*
*जुझारू व्यक्तित्व के धनी!*
*शहर के लिए गला फाड़ फाड़ कर चीखने वाले !*
*रोटी पानी छोड़ देने वाले!*
*अजमेर के विकास के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर देने वाले!*
*छोटी से छोटी बात पर लंबी से लंबी विज्ञप्ति जारी करने वाले!*
*छोटे-छोटे मुद्दे पर कलेक्ट्रेट पर आ धमकने वाले !*
*बयान वीर !*
*किसी भी दल के नेता द्वारा इस स्कूल भवन वो भी बालिका स्कूल के नीलामी पर दो लाइन की विज्ञप्ति भी जारी नहीं की गई!
*सच में यह अजमेर ! इलायची बाई का ही शहर है।