कभी राजपुरोहित ब्राह्मण शस्त्रधारी परशुराम बनकर बचाते थे क्षत्रियों के रियासत !! कभी क़ासिम से राजा दाहिर बनकर लड़ा था ब्राह्मण !! कभी गजनी से जब वहां का सम्राट भीम सेन सोलंकी देख कर भाग जाता है, तब वहां अकेले लड़ा मंदिर का पुजारी ब्राह्मण!!
औरंगजेब कभी खिलजी से बाजीराव पेशवा मराठा बनकर लड़ता है ब्राह्मण! बनारस में जब 21 किलो जनेऊ खून से सना हुआ औरंगजेब के पास पहुंचता था तब शहीद होता था ब्राह्मण !! जब अहमद शाह अब्दाली ने किया था भारत पर हमला तब सदाशिवराव बनके लड़े थे ब्राह्मण! जब हरिद्वार पर किया था हमला तब नागा साधु बनकर ब्राह्मण खड़े थे !! जब दोबारा अहमद शाह अब्दाली ने किया था मथुरा पर हमला तब माधवराव पेशवा बनके हम ही लड़े थे!
सिक्खों के साथ सिंघा सिंह पुरोहित, बाबा बंदा भारद्वाज, पंडित मती दास , सती दास, दयाला दास बनकर लड़े थे ब्राह्मण! ब्राह्मण ही महाराणा प्रताप के गुरु राघवेंद्र दास हैं! हम ही गुरुदेव पंडित श्री राम पृथ्वीराज चौहान के साथ थे!!
हम ही गुरुदेव पंडित रामदास शिवाजी के साथ थे!
हम ही उनके भाई शक्ति सिंह द्वारा महाराणा प्रताप ऊपर चलने वाला तलवार के वार को अपने ऊपर लेने वाले नारायण पालीवाल थे ब्राह्मण!
हम हीआर्यभट्ट है कुमार गिल भट्ट, आदि शंकराचार्य हैं, चाणक्य, अटल बिहारी वाजपेई और मुरली मनोहर जोशी है सुब्रमण्यम स्वामी है!
एलेग्जेंडर ने किया था भारत पर हमला तब (ब्रह्मास्थल गुरुकुल) के शस्त्रधारी बनकर लड़े थे ब्राह्मण!
जब किया था अयोध्या पर हमला बाबर ने तो पंडित देवीदीन बन के हमें लड़े थे !!
जब राम मंदिर को कष्ट पहुंचाया तो श्यामानंद बनके उसे सुरक्षित महाराष्ट्र पहुंचाया असली मूर्तियों को!
जगन्नाथपुरी पर जब हुआ हमला अंगरक्षक बन के हम डटे थे और आज भी उनके पीढ़ी के लोग अंगरक्षक बन कर देते हैं पहरेदारी !!
भिड़ा ब्राह्मण! हार तो शायद तय थी…पर लड़ा ब्राह्मण
जब अंग्रेजों ने किया था हमला रानी लक्ष्मीबाई नाना साहब पेशवा तात्या तोपे मंगल पांडे चंद्रशेखर आज़ाद….क्यों अकेले लड़ा था ब्राह्मण..??
कश्मीर में लाख अत्याचार हुए हमारे ऊपर लेकिन जो अपने धर्म पर डटा वह है ब्राह्मण!
हारना ही था उसे, वो अकेला लड़ रहा था, ब्राह्मण
शस्त्र और शास्त्र दोनों से युद्ध कर रहा था कभी बौद्धों को पराजित कर रहा था शंकराचार्य बनकर तो कभी युद्ध करता था पुष्यमित्र शुंग बनकर…… ब्राह्मण
कभी यवन को हर आता था गुरुकुल को एक करके चाणक्य बनकर ब्राह्मण!
कभी शकों को पराजित करता था गौतमीपुत्र सटाकर्णी बनकर ब्राह्मण!
कभी चंद्रवरदाई बनकर दोस्ती का फर्ज निभाने के लिए अफगानिस्तान तक गया है ब्राह्मण बदला पूरा करके दोस्ती निभाता है ब्राह्मण!
कभी बाजीराव पेशवा बनकर बुंदेलखंड के लिए युद्ध लड़ा है ब्राह्मण!
कभी सारे जहान से भीख मांग कर बनारस विश्वविद्यालय बनवा देता है ब्राह्मण…..
क्या जन्मभूमि ये तुम्हारी थी….हमारी नहीं थी?
फिर क्यों अकेला लड़ा शस्त्र और शास्त्र से ब्राह्मण…??
बीवी विधवा हुई
बच्चे अनाथ…..
#हिन्दू तो बचा, पर
भरी जवानी में ही
मरा ब्राह्मण!
फिर भी कहते हैं किया ही क्या है ब्राह्मणों ने हमारे लिये….??
इतिहास में ब्राह्मणों के साथ बार बार धोखा हुआ,और वर्तमान में भी हो रहा है…!!
दूसरों का तो इतिहास लिखें अपना ही लिखना भूल गया ब्राह्मण……
और आज कल के कुछ लोग हमसे ही सवाल पूछते हैं कि तुम ब्राह्मणों ने क्या किया है…?