महिला डॉक्टर ने खुदकशी की, प्रसूता की मौत से तंग आकर

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दौसा
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दौसा। डॉक्टर ने पुलिस की मनमर्जी से तंग आकर खुदकशी कर ली। दौसा में निजी अस्पताल की एक डॉक्टर ने सोमवार को लालसोट के आनंद हॉस्पिटल में आशा बैरवा 22 वर्षीया की प्रसव के बाद ब्लीडिंग से मौत हो गई। इसके बाद परिजनों व ग्र्रामीणों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप जड़ कर धरना शुरू कर दिया। 12 घंटे तक वे धरना देते रहे। मुश्किल की बात है यह थी कि पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को अनदेखा करते हुए गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ 302 हत्या में केस दर्ज कर लिया। इससे डिप्रेशन में डॉ. अर्चना शर्मा ने मंगलवार सुबह 11.30 बजे आत्महत्या कर ली। अस्पताल प्रबंधक डॉ. सुनील उपाध्याय ने पुलिस में केस दर्ज बताया कि शिवशंकर बल्या जोशी के दब्बव में पुलिस ने उनकी पत्नी पर हत्या का केस दर्ज कर लिया था। पूर्व में भी उसके खिलाफ थाने में एफआईआर भी दी थी लेकिन कोई कार्रवाई न होने से उसके हौंसले बुलंद थे।
उधर मामले में वरिष्ठ अफसरों से जांच करवाई जा रही है। पुलिस की भूमिका गलत हुई तो कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक ने कहा राजस्थान में फ्री रजिस्ट्रेशन पॉलिसी है। इसमें परिवादी के लिखकर देने के आधार पर केस दर्ज किया था। जांच में तथ्य नहीं मिलते तो धाराएं हटा दी जाती हैं।

सुदेश चंद्र शर्मा

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