
राजस्थान में एंटी चीटिंग बिल पारित, सम्पत्ति कुर्क करने तक के प्रावधान
प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कोई भी सार्वजनिक परीक्षा में नकल रोकने के लिए सख्त प्रावधानों वाला एंटी चीटिंग बिल आज राजस्थान विधानसभा में पास हो गया।
राजस्थान देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जिसमे नकल पर नकल कसने के लिए एन्टी चीटिंग बिल पास कर दिया है। बिल में परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल गिरोह में शामिल लोगों को अपराध साबित होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। नकल कराने में शामिल लोगों पर सजा के साथ 10 लाख से 10 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा।
इस बिल में नकल गिरोह के लोगों की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान भी किए गए हैं। किसी भी परीक्षा में अगर कोई परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
नकल कराने वाले और पेपर लीक गिरोह में शामिल हर व्यक्ति को दोषी होने पर 5 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। नकल गिरोह में शामिल हर व्यक्ति पर कम से कम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ तक का जुर्माना हो सकेगा।
पेपर लीक और नकल से कमाए गए पैसे के आधार पर जुर्माना बढ़ भी सकता है। बिल में नकल गिरोह की प्रॉपर्टी जब्त कर उसे कुर्क करने और सीज करने के प्रावधान किए गए हैं। परीक्षार्थी अगर नकल गिरोह का सदस्य है तो उसकी सजा और जुर्माना भी गिरोह के बाकी लोगों की तरह ही होगी। ऐसे में 10 साल सजा और 10 करोड़ तक का जुर्माना लग सकेगा।
हर तरह की परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध माना जाएगा। ऐसा प्रावधान करने से अब ऐसे मामलों में शामिल लोगों की जमानत नहीं होगी।
परीक्षाओं में नकल और पेपर लीक की जांच एडिशनल एसपी लेवल का अफसर ही कर सकेगा, इससे नीचे रैंक का पुलिस अफसर इन मामलों की जांच नहीं कर सकेगा।
परीक्षार्थी ने नकल की तो 1 लाख तक जुर्माना
परीक्षार्थी नकल करता है या पेपर लीक गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नकल करते पकड़े जाने पर दो साल तक किसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे। स्कूल-कॉलेज से लेकर हर तरह की परीक्षाओं में नकल करने पर दो साल तक परीक्षा देने पर रोक का प्रावधान भी किया गया है।
अभी भी नकल में शामिल परीक्षार्थियों का रिजल्ट रोकने और परीक्षा से बाहर करने के प्रावधान हैं, लेकिन अब प्रावधान और कड़े किए जा रहे हैं।