
अजमेर में ब्यावर रोड स्थित रेलवे अस्पताल के सामने बजाज केटीएम मोटर बाइक के डीलर नरेश मूलचंदानी को रामगंज पुलिस ने अब तक दो बार गिरफ्तार कर लिया है। धोखाधड़ी के एक मामले में मूलचंदानी गत एक सप्ताह से न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि एक अन्य मामले में पुलिस ने 21 मार्च को मूलचंदानी को जेल से गिरफ्तार किया है। ग्राहकों ने मूलचंदानी पर आरोप लगाया है कि 1 लाख 83 हजार रुपए की कीमत वाली बाइक संपूर्ण राशि जमा करा देने के बाद भी बाइक के फर्जी कागजात दिए गए हैं। जब इन कागजातों की जांच परिवहन विभाग से करवाई गई तो हकीकत का पता चला। अब तक तीन ग्राहकों ने रामगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। मुकदमा दर्ज होने का सिलसिला जारी है। निकटवर्ती रसूल पुरा निवासी रतनलाल मेघवाल ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि केटीएम बाइक के डीलर को जनवरी 2020 में भुगतान कर दिया गया था, लेकिन डीलर ने रजिस्ट्रेशन के फर्जी दस्तावेज थमा दिए। रजिस्ट्रेशन में इंजन और चेसिस के नंबर भी दोषपूर्ण है। मालूम हो कि मूलचंदानी बाइक का कारोबार अजमेर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से करता है। मूलचंदानी आनासागर लिंक रोड स्थित आवासीय कॉलोनी में रहता है। यह कॉलोनी वीआईपी मानी जाती है। रामगंज पुलिस के थानाधिकारी सतेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि मूलचंदानी और उसका मैनेजर मनीष वर्मा ग्राहकों को बजाज फाइनेंस कंपनी से ली लोन दिलवाते थे। फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी शोरूम में ही उपलब्ध रहते है। बाइक के फर्जी दस्तावेजों के बारे में परिवहन विभाग से भी जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने माना कि प्रथमदृट्या ग्राहकों के साथ ठगी हुई है। नेगी ने माना कि एक मूलचंदानी ने अपने मैनेजर मनीष वर्मा पर भी दर्ज करवाया है। मूलचंदानी का कहना है कि उसका मूल कारोबार जूते चप्पलों का है। बजाज की बाइक की बिक्री का काम मनीष वर्मा ही करता है। अजमेर में एक माह में चार पांच बाइक ही बिकती है। मूलचदंानी का आरोप है कि फर्जी दस्तावेज देने और वित्तीय अनियमितता करने का जिम्मेदार मनीष वर्मा है। वहीं मैनेजर वर्मा ने भी एक मुकदमा दर्ज कर आरोप लगाया है कि ग्राहकों से जो राशि प्राप्त होती थी, उसे सीधे अजमेर मोटर प्राइवेट लिमिटेड के खाते में जमा करवाया जाता था। वैसे भी अधिकांश बाइक फाइनेंस कंपनी के माध्यम से बिकती है, इसलिए फाइनेंस कंपनी भी सीधे डीलर के खाते में पैसे जमा करवाती है। वर्मा ने कहा कि कंपनी में हो रहे कामकाज की संपूर्ण जानकारी नरेश मूलचंदानी को थी। मैंने वो ही किया जो मूलचंदानी ने कहा। मूलचंदानी दिन में कई बार बाइक कंपनी के दफ्तर में भी आते रहते हैं। उन्हें कंपनी के कामकाज की जानकारी है। मैनेजर और डीलर भले ही एक दूसरे पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हों, लेकिन इसका खामियाजा ग्राहकों को भुगतना पड़ रहा है। इससे बजाज केटीएम कंपनी की भी बदनामी हो रही है। लोगों का भरोसा बजाज संस्थान पर है, इसलिए वे दो लाख रुपए वाली मोटर बाइक भी खरीद रहे हैं। लेकिन यदि ग्राहकों को रजिस्ट्रेशन के फर्जी दस्तावेज अधिकृत डीलर के द्वारा दिए जाएंगे तो फिर कंपनी की भी बदनामी होगी।
S.P.MITTAL BLOGGER (22-03-2022)