(1) बाटी जीन्स पेन्ट पहन कर नहीं खानी चाहिए ।
बैठने में तकलीफ होती है,
बाटी कम भाती है।
(2) बाटी खाते वक्त मोबाइल का स्विच ऑफ रखें ।
बात करने से पेट में हवा जाती है, जिससे एक बाटी कम खाई जाती है ।
(3) बाटी खाते वक्त सुई गिरने जितनी भी आवाज नहीं आनी चाहिए।
खाते वक्त कोई बच्चा आवाज करे तो, उसे भी लप्पड़ मेल देनी चाहिए, बगैर रहम करे।😄😄
(4) बाटी खाते वकत पंखा पास में होना चाहिए।
(5) बाटी खाते वक्त घी की बाल्टी फुल होनी चाहिए ।
जितना घी जाएगा बाटी के साथ, उतनी तरावट रहेगी और कुम्भकर्ण के जैसे नींद आएगी एकदम टेंशन फ्री।😝😝
बाटी की महिमा :-सोमवार हो या रविवार रोज खाओ बाटी दाल। जिस दिन घर पे बाटी बनती है उस दिन घर मे खुशी का माहौल रहता है । बच्चे भी सभी काम पे लग जाते हैं । कोई कांदा काटने लग जाता है, कोई चटनी घोटता है,
कोई कड़ी पत्ता लेने चला जाता है । कोई अपने आप को दाल बनाने का उस्ताद जता कर दाल की वाट लगाता है।😂😂
बाटी खाने के बाद दाल बाटी और लड्डू की तारीफ़ करने से पुण्य मिलता है।
और अनेकानेक जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं। कहीं कहीं तो बाटी की धूप भी लगाते हैं। पांच पकवान की तरह मानते हैं। बाटी खाने के बाद आदमी को ऐसा लगता है कि मेरे उपर कोई कर्जा नही हैं । बामण गुरु के अनुसार बाटी खाने का सही दिन रविवार है । लगातार सात दिन तक बाटी खाने से गंगा जी के घाट पर हज़ार बामणों का लंगर कराने और सौ गाएँ दान करने बराबर पुण्य लगता है ।