जे.एन.यू. के एक प्रोफेसर ,
एक टीवी चैनल के रिपोर्टर, और
भारतीय सेना के एक कर्नल का
कश्मीर में आतंकवादियों ने
अपहरण कर लिया.
तीनों को … मौत का हुक्म हुआ.
मारने से पहले
उनकी अन्तिम इच्छा पूछी गई.
😎 प्रोफेसर ~
मैं तो कश्मीर को भारत से
आजादी का समर्थक हूँ.
आप कृपया मुझे न मारें.
दिल्ली वापिस जाकर
मैं आपकी दयालुता पर
लम्बा व्याख्यान दूँगा.
💁️ रिपोर्टर ~
मुझे भी मत मारिये, जनाब !
मैं भी भारत-सरकार को
खूब कोसता हूँ.
वापिस जाकर …
मैं आपकी विचारधारा पर
अपने चैनल पर
शानदार बहस कराऊँगा.
👮 कर्नल ~
मेरी हत्या करने से पहले
मुझे पीटा जाये.
आतंकी सरगना (कर्नल से) ~
तुम भी अपनी जान बख्शने के लिए
गिड़गिड़ाओ.
फिर हम अपना फैसला सुनायेंगे.
👮 कर्नल ~
नहीं … मैं चाहता हूँ ,
कि मेरी हत्या से पहले मुझे पीटा जाये.
आतंकी सरगना के इशारे पर
एक आतंकी ने
भारतीय सेना के कर्नल पर
अपनी एके-47 के बट से वार किया.
कर्नल ने फुर्ती से एके-47 छुड़ा ली,
और दनादन सभी आतंकियों को
ढेर कर दिया.
प्रोफेसर और रिपोर्टर ने
कर्नल से पूछा ~
तुम्हारे अन्दर इतनी हिम्मत और
हौसला था, तो तुमने आतंकी से
खुद को पिटवाया क्यों ?
तुम ये फुर्ती और बहादुरी
शुरू में भी दिखा सकते थे.
कर्नल ~ मैं चाहता था, कि
लड़ाई की पहल वो करें. क्योंकि …
अगर मैं पहल करता, तो
तुम दोनों हरामजादे
मुझे ही कटघरे में खड़ा कर देते,
और
अपनी सरकार एवं जनता को
सफाई देते-देते, मेरी उम्र गुजर जाती.