निगम!निकाय! ए सी बी ! सब एक तरफ़!संपत भय्या एक तरफ़!✒️सुरेन्द्र चतुर्वेदी*
एक अकेले चंपत सांखला क्षमा कीजिएगा संपत सांखला ने सरकार, व्यवस्थापिका, न्याय पालिका और नगर निगम को अपने आधिपत्य में लेकर ,अपने विरुद्ध हो रही कानूनी कार्रवाई को, बर्फीले “फ्रीजर में फ्रीज” कर रखा है ।चारों तरफ से कार्यवाही किए जाने का दबाव बनाया जा रहा है मगर नगर निगम पहुंचने वाले ,हर काग़ज़ को चूहों के बिलों में पहुंचाने की चमत्कारिक व्यवस्था संपत सांखला ने कर रखी है।*👍
*उनके विरुद्ध कई आरोपों पर कार्रवाई चल रही है ,मगर अंजाम तक कोई भी नहीं पहुंच पा रहीं। यहां तक कि नगर निगम आयुक्त देवेंद्र जी चाहकर भी सरकार को जवाब नहीं दे पा रहे। मजेदार बात यह है कि आयुक्त महोदय के सामने ,छुपाई गई फाइल ही प्रस्तुत नहीं की जा रही।
*मेरे नियमित पाठकों को ध्यान होगा कि पूर्व उपमहापौर संपत सांखला को लेकर मैंने कई ब्लॉग लिखे! हर ब्लाग में मैंने उन पर चल रही कार्रवाई के दस्तावेजी आंकड़ों के साथ सबूत पेश किए ! लिखे गए ब्लॉग पर फॉलोअप भी हुए। आयुक्त महोदय ने कार्रवाई किए जाने का आश्वासन भी दिया ।निकाय निदेशक अनुपमा टेलर ने सिल सिलेवार कई रिमाइंडर देकर कार्यवाही आगे बढ़ाने को कहा मगर उनके हर पत्र को नगर निगम के अधिकारियो द्वारा दराज़ों में दबा कर रख दिया गया।*
*कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ही ए सी बी की समीक्षा बैठक में उच्च अधिकारियो को निर्देशित किया था कि जो भी प्रकरण अभियोजन स्वीकृति नहीं मिलने के कारण लंबित पड़े हुए हैं, उनमें तुरंत सम्बंधित विभागों द्वारा अभियोजन स्वीकृति जारी की जानी चाहिए।
*मुख्य्मंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दे दिए जाने के बावजूद भी उनकी इस सकारात्मक सोच को अजमेर में ही पलिता लगने को लेकर मैंने एक ब्लॉग पूर्व में भी लिखा था।मुझे उम्मीद ही नहीं यक़ीन था कि अब तो अधिकारी मुख्यमंत्री के निर्देश को गंभीरता से अवश्य लेंगें और अभियोजन स्वीकृति जारी करने के लिए स्वायत शासन निदेशालय से उप निदेशक अजमेर को तथ्यत्मक रिपोर्ट माँगने हेतु जारी एक पत्र का जवाब तुरंत भेजेंगे।*👍
*दोस्तों !! मैं जिस पत्र की बात कर रहा हूँ वो आपको एक बार फिर से याद दिला दूँ कि अजमेर में कोटड़ा स्थित करोड़ों कि सरकारी ज़मीन को सम्पत सांखला ने उपमहापौर रहते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर सरकारी रिकॉर्ड में हेरा फेरी करवाकर उसकी ख़रीद फ़रोख्त की गई थी, जिससे सरकार को भारी राजस्व की हानि हुई। इस प्रकरण में स्वायत शासन निदेशालय से एक पत्र उप निदेशक अजमेर को तथ्यत्मक रिपोर्ट सहित भेजनें को लिखा हुआ है। उप निदेशक अजमेर से पत्र का जवाब जाने पर ही निदेशालय से अभियोजन स्वीकृति जारी किया जाना पेंडिंग है।
*शिकायतकर्ता दिनेश चौहान को करोड़ों की सरकारी ज़मीन में हुए घपले का ये प्रकरण संज्ञान में आने पर इसकी शिकायत उन्होंने ए सी बी में दी और ए सी बी द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए इस ज़मीन से सम्बंधित सरकारी रिकॉर्ड अपने कब्जे में लेकर गहनता से जाँच की गई। इस घपले में लिप्त सम्पत सांखला, निगम कार्मिकों सहित अन्य लोगों से भी पूछताछ कर ये प्रमाणित पाया कि सरकारी भूमि की ख़रीद फ़रोख़्त कर सरकार को भारी राजस्व की हानि पहुंचाई गई है।*
*ए सी बी द्वारा सम्पत सांखला को सरकारी ज़मीन की ख़रीद फ़रोख़्त और पद के दुरूपयोग का आरोपी माना गया । इस केस में सम्पत सांखला सहित कई अन्य लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी मानकर केस फ़ाइल मुख्यालय भेज दी गई थी।*
*जुर्म प्रमाणित इस प्रकरण में 8-9 माह बीत जाने के बाद भी ना जाने सम्पत भाई ने क्या व्यवस्था कर रखी हैं कि अभी तक भी अभियोजन स्वीकृति ही जारी नहीं हों पा रही है।*
*सम्पत भाई को ये पूरा एहसास है कि यदि इस केस में अभियोजन स्वीकृति जारी हो गई तो वो उनके गले की फांस बन जायेगी। इसलिए सम्पत भाई ने शाम दाम दंड भेद नीति लगाकर अपना पूरा फोकस निदेशालय से आये पत्र के जवाब को निगम स्तर पर ही रोकने में या अधिकारी को सेट कर इस पत्र का जवाब घुमा फिरा कर दिलवाने में लगा रखा है। जिसमें वो अभी तक तो सफल भी रहे हैं।*
*परिवादी दिनेश चौहान ने मुझे बताया कि उप निदेशक से संपर्क करने पर उन्हें ये बताया गया है कि वे इस मामले में अति गंभीर हैं और उनके कार्यालय से तो लगातार स्मरण पत्र इस बाबत नगर निगम में भेजे जा रहे हैं परन्तु निगम से स्पष्ट जवाब नहीं आने के कारण ही निदेशालय को जवाब भेजनें में वे असमर्थ हैं।*
*उप निदेशक कार्यालय से तो इसी माह ही दिनांक 10/2/22 को डिस्पैच न.1562 और दिनांक 24/2/22 को डिस्पैच न. 2008 से स्मरण पत्र भेजे गए हैं।*
*उपनिदेशक अनुपमा टेलर तो इस प्रकरण में अब गंभीर नज़र आ रही हैं पर ए सी बी द्वारा इस घोटाले की गहन जांच कर लिए जाने के बाद इस प्रमाणिक प्रकरण में तथ्यत्मक रिपोर्ट देने में नगर निगम में आयुक्त पद पर एक आई ए एस अधिकारी के होते हुए भी इतनी देरी कई सवालों को जन्म दे रही है।*
*अब तो विधानसभा तक में जागरूक विधायक अनीता भदेल द्वारा अभियोजन स्वीकृति को लेकर तरंकित प्रश्न तक उठाये जा चुके हैं।*
*दोस्तों!! मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियो को दिए गए निर्देश हों, ए सी बी द्वारा इस प्रकरण में की गई जांच हो, या स्वायत शासन निदेशक और उप निदेशक अजमेर द्वारा इस केस में अभियोजन स्वीकृति जारी करने को लेकर गंभीरता हो, हमारे सम्पत भाई ने ये साबित कर दिया हैं कि वे इन सबको अपनी जेब में रखते हैं।और उनका जलवा स्थानीय स्तर पर तो बरकरार है।*
*सम्पत भैया ने इस गंभीर प्रकरण में अपनी व्यवस्था वादी सेटिंग हर स्तर पर करके अपना जलवा सबको दिखा रखा है। बस अभी तक कोई सेट नहीं हुआ तो वो परिवादी दिनेश चौहान ही है। जिसने अकेले भैया की नाक में दम कर रखा है।
*दोस्तों सम्पत भाई का जलवा कैसे नकारा जा सकता है! दसवीं पास की फ़र्ज़ी मार्कशीट का मामला हों ! किशनगढ़ में पार्टी प्रत्याशी वेद प्रकाश दाधीच को हराने की योजना को लेकर बहुचर्चित जारी ऑडियो हो! या करोड़ों की सरकारी ज़मीन की ख़रीद फ़रोख़्त में ए सी बी द्वारा प्राथमिक जांच में सम्पत को दोषी मान लिया गया हो! अनुशासित और संस्कारवान् पार्टी सम्पत भाई को अभी भी पाक साफ़ मानते हुए ,सभी जिला स्तरीय कार्यक्रमों में आगे रखती है। ये सम्पत भाई का जलवा ही तो है। और इससे भी बड़ी बात तो ये है कि इतना सबकुछ जानते बूझते भी एक बड़ा धड़ा जिसमें एक विधायक और वर्तमान शहर अध्यक्ष सहित कई लोग सम्पत जी को पार्टी का जिलाध्यक्ष तक बनवाने में लगे हुए हैं।*😨
*मान गए गुरु !!*
*नेता हो तो सम्पत भाई जैसा हो।*
*जलवा हो तो सम्पत भाई जैसा हो।*