भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह उत्सव को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। फाल्गुन मानस की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। भोलेनाथ ही एक भगवान है जो सर्वप्रथम प्रसन्न हो जाते है। रावण से प्रसन्न होने पर रावण को सोने की लंका दे दी।
महाशिवरात्रि का पर्व इस वर्ष 1 मार्च को मनाया जाएगा जो कि बहुत अच्छा योग है। शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित परिणाम प्राप्त होते है।
शुभ मुहूर्त: 1 मार्च को सुबह 3.16 मिनट से आरंभ होकर 2 मार्च को सुबह 10.00 बजे तक रहेगी। शिवजी की रात को पूजा 4 पहर में की जाती है यानि चार बार पूजा होती है सम्पूर्ण विधिविधान से।